Mala Ferat Jug Bhaya Meaning in Hindi | माला फेरत जुग भया दोहे का अर्थ

 Mala Ferat Jug Bhaya Meaning in Hindi | माला फेरत जुग भया दोहे का अर्थ



Mala Ferat Jug Bhaya Meaning : दोस्तों आज के इस पोस्ट पर आप जानेंगे एक दोहे का अर्थ वो भी हिंदी में। यह दोहा कबीर दास जी ने लिखा है। जिसके बारे में हम आगे चर्चा करेंगे। यह दोहे को आपने जरूर कहीं ना कहीं पढ़ा होगा। तो बने रहें मेरे साथ अन्त तक इस पोस्ट पर।


दोहा: कर का मनका डर दे, मन का मनका फिर
मिट्टी फेरत जुग भया, फिर ना मन का फेर |
कर का मनका डगर दे, मन का मनका फेर ||




भावार्थ: इस पवन धरती पर अनेकों युग आये और गए हैं। जहां हर प्रकार की प्रचुरता भारी पड़ी है। जिसपर सिर्फ़ उनका ही ध्यान पड़ता है जो कि  अपने इस चंचल मन को अपने काबू में रखना जानते हैं। इस दोहे में आगे अर्थ है, उस कर्मको तुम त्यागो जो तुम्हें आगे बढ़ने से रोकते हैं। जो तुम्हारे लिए श्रेष्ठ ना रहे।


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