Namaste Meaning|नमस्ते का अर्थ|Defination |History
Namaste Meaning: नमस्ते शब्द का अर्थ क्या है: "नमस्ते" एक ऐसा शब्द है जो इस समय सभी देश के लोग एक दूसरे को कहते दिख रहें हैं। यह दुनियां भर में काफी प्रचलित हो रहा है। क्योंकी अब लोग एक दूसरे से हाथ मिलाने के बजाय हाथों को जोड़ कर नमस्ते करना ज्यादा पसंद कर रहे हैं। क्योंकी lockdown से लोग अब ज्यादा सतर्क हैं। नमस्ते करने से हम किसी के संपर्क में नहीं आते, और hand shake से हाथ एक दूसरे के संपर्क मे आते हैं, जिससे बीमारियों का ख़तरा रहता है। ऐसे में नमस्ते करना एक समझदारी होगी।
नमस्ते करने का आध्यात्मिक अर्थ
भारतीय ने प्राचीन काल से ही एक दूसरे को नमस्ते करते आ रहे हैं। इसकी मान्यता यह थी इससे दूसरों को स्पर्श करने की आवश्यकता नहीं थी। और गुरुजन अपने शिष्यों के सिर पर हाथ रख कर उन्हें आशीर्वाद देते थे।
हिंदू धर्म के मान्यता अनुसार नमस्ते से एक गहरा अध्यात्म जुड़ा है। नमस्ते का मतलब अध्यात्म में "मै अपने दोनों हाथों को जोड़ कर परमात्मा को नमन करता हूं" होता है। इसलिए नमस्ते सिर्फ़ एक अभिवादन नहीं है बल्कि यह एक प्रकार से पवित्र आत्मा रूपी शरीर दूसरे पवित्र आत्मा रूपी शरीर को अपना पवित्र नमस्कार कर रहा है।
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नमस्ते और नमस्कार के बीच अंतर क्या है?
अगर आप किसिसे मिलते हैं, तो आप उन्हें नमस्ते बोल कर अपनी बात की शुरूआत करते हैं। चाहें वो आपसे उम्र में छोटे हों या फिर बड़े। क्योंकि नमस्ते एक अभिवादन का तरीका होता है।
नमस्ते और नमस्कार दोनों एक ही बात है। आप अभिवादन के लिए दोनों को ही इस्तेमाल कर सकते हैं।
प्रणाम और नमस्ते में क्या अंतर है?
जैसे कि मैंने बताया नमस्ते किसीको अभिवादन करने का एक तरीका है, जो सामने वाले के प्रति आपकी श्रद्धा को दिखाता है। आप उन पर समर्पित है, और उनको सम्मान दे रहे हैं। दोनों हाथों को जोड़ कर प्रणाम, नमस्ते, नमस्कार की मुद्रा एक प्रकार से समृद्धता का प्रतीक है। और इनमें कोई अंतर नहीं है।
नमस्ते शब्द की उत्पत्ति|नमस्कार का अर्थ संस्कृत में
नमस्ते शब्द संस्कृत भाषा से लिया गया शब्द है। जो नमः और ते से मिलकर नमस्ते बनता है। नमस्ते करने का मतलब होता है मै आपके सामने सिर झुकाकर सम्मान करता हूं। नमस्कार करता हूं।
नमः + ते = नमस्ते
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